डेंगू से करें बचाव, समय पर कराएं उपचार

- डेंगू की चपेट में आने से बचें, जानें लक्षण और उपचार
- सही समय पर उपचार न होने पर जानलेवा हो सकता है डेंगू
- मच्छरों से बचें, डेंगू से बचें
आगरा। बारिश के मौसम में मच्छर जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें डेंगू भी शामिल है। डेंगू बुखार एक गंभीर बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह बीमारी सही समय पर उपचार न होने पर जानलेवा भी हो सकती है। डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है। इसके लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरे कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाले स्प्रे का इस्तेमाल करें। डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय पर उपचार कराएं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव का ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आगरा वासियों से अपील करते हुए कहा है कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू या डेंगी डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। यह मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह साफ पानी में पनपता है। डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। इसके लिए अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें। अपने घर में या घऱ के आसपास गमलों में, टायरों में, गड्ढों में पानी को जमा न होने दें। कूलर के पानी को सप्ताह में एक बार जरूर बदलें । इन्हीं में डेंगू का लार्वा पनपता है। सभी के प्रयासों से ही डेंगू से बचाव, नियंत्रण और इसके प्रसार पर जटिलताओं को रोका जा सकता है।
वेक्टर बोर्न रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । शरीर में चकत्ते आना या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है । प्लेटलेट उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिनके शरीर से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो बीस हजार प्लेटलेट होने पर भी इसे चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो अस्सी हजार प्लेटलेट रहने पर भी इसे चढ़ाना पड़ता है।
जिला मलेरिया अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। ऐसे में छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री इकट्ठा न होने दें। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखाएं। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और सूखा कर ही पानी भरें। पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढंग कर रखें। हैंडपम्प के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
डीएमओ ने बताया कि डेंगू की चपेट में आने से बचें, सही समय पर उपचार न होने पर डेंगू जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू से बचें बचने के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है, इसके लिए डेंगू के लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता से संपर्क करें। और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से जानकारी प्राप्त करें l डेंगू के लक्षण होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य इकाई पर जाकर चिकित्सीय सलाह अवश्य लें। झोलाछाप डॉक्टर से उपचार करने से बचें।
बुखार होने पर यह करें
• प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएं
• चिकित्सक की निगरानी में दवा के साथ पर्याप्त बेड रेस्ट लें
• तरल भोज्य पदार्थों का सेवन करें और खूब पानी पिएं
• तीव्र बुखार की स्थिति में 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें
• बुखार हो तो यह न करें
• अपने मन से दवा न लें
• शारीरिक श्रम न करें
• बुखार उतरने लगे तो निश्चिंत न हों और सावधानी जारी रखें
• बुखार ठीक होने के बाद भी बेड रेस्ट लें
डेंगू के लक्षण
• तेज बुखार
• त्वचा पर चकत्ते
• तेज सिर दर्द
• पीठ दर्द
• आंखों में दर्द
• मसूड़ों से खून बहना
• नाक से खून बहना
• जोड़ों में दर्द
• उल्टी
• डायरिया
डेंगू की स्थिति जिले में
वर्ष — कुल केस
2021 — 1161
2022 — 35
2023 — 173
2024 — 190
2025 — 37









